Subscribe Us

शनि ग्रह के बारे में

शनि ग्रह के बारे में जानकारियाँ 

शनि ग्रह के बारे में बात करें तो यह एक मात्र ऐसा ग्रह है जिसके पास खुद के गुरुत्वाकर्षण शक्ति से बने छल्ले हैं जिससे शनि ग्रह देखने में बहुत सुंदर लगता है शनि हमारे सौरमंडल में सूर्य से छठा ग्रह है। और पूरे सौरमंडल में बृहस्पति के बाद शनि ग्रह ही सबसे बड़ा ग्रह है। शनि ग्रह की सूर्य से अधिकतम दूरी एक अरब तीस करोड़ किलोमीटर है और अपने पड़ोसी ग्रह यानि अरुण ग्रह से शनि ग्रह की दूरी चौसठ करोड़ किलोमीटर है। जिस प्रकार पृथ्वी सूर्य का पूरा चक्कर लगाती हैं और पृथ्वी पर जैसे तीन सौ पैसठ बार दिन और रात होते हैं वैसे ही शनि ग्रह पर आठ सौ पैतालीस बार दिन और रात होते हैं। शनि ग्रह सूर्य की परिक्रमा एक हजार आठ सौ किलोमीटर प्रति घंटे की देरी से करता है और अपनी ही जगह तीस हजार किलोमीटर प्रति घंटे की देरी से घूमता है। शनि ग्रह के अपने अस्सी से ज्यादा उपग्रह है जिसमें से सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन उपग्रह है।

शनि ग्रह अपने अक्ष पर 2600 डिग्री झुका

शनि ग्रह अपने अक्ष पर दो हजार छः सौ डिग्री झुका हुआ है। शनि ग्रह पर हाइड्रोजन हिलियम अमोनिया और क्लोराइड जैसे तत्व पाए जाते हैं। शनि ग्रह की आयु चार पॉइंट पाच बिलीयन साल और तापमान माइनस एक सौ चालीस डिग्री सेल्सियस से माइनस एक सौ पचास डिग्री सेल्सियस तक रहता है। शनि ग्रह की गुरुत्वाकर्षण शक्ति दस पॉइंट चार मीटर पर सेकंड है। पृथ्वी की सौ किलोग्राम की चीज शनि ग्रह पर एक सौ चार किलोग्राम की होगी। शनि ग्रह का पूरा क्षेत्रफल बैयालिस पॉइंट सात बिलियन स्क्वेयर किलोमीटर है।


शनि ग्रह के रिंग  

अगर में शनि ग्रह के रिंग की बात करूं तो शनि ग्रह की सतह से लगभग सात हजार किलोमीटर की ऊंचाई से सत्ताईस हजार किलोमीटर तक फैला हुआ है और रिंग की मोटाई बहुत ही कम है लगभग दस मीटर।कहा जाता है कि इस रिंग में सिर्फ धूल मिट्टी कड़ और छोटे-छोटे धूमकेतु है। शनि ग्रह का व्यास एक लाख सोलह हजार किलोमीटर है। यानी शनि ग्रह सूर्य से ग्यारह पॉइंट छानबे गुना छोटा है। बुध ग्रह से तेईस पॉइंट पचासी गुना बड़ा है। शुक्र ग्रह से नौ पॉइंट बासठ गुना बड़ा है। 

पृथ्वी से नव पॉइंट चौदह गुना बड़ा है। मंगल ग्रह से सत्तरह पॉइंट सत्तरह गुना बड़ा है। बृहस्पति ग्रह से पंद्रह, अरुण ग्रह से दो पॉइंट तीस गुना बड़ा है। वरुण से दो पॉइंट छत्तीस गुना बड़ा है। दोस्तों बाकी ग्रह की तरह ही हम शनि ग्रह को भी देख तो सकते हैं पर बहुत ही कम मौका मिलता है। शनि ग्रह को खुली आंखों से देखने का ज्यादातर मौका पृथ्वी के दक्षिणी भाग में दिखाई देता है।

शनि ग्रह पर जाने वाले स्पेसक्राफ्ट

अगर शनि ग्रह की तुलना पृथ्वी से करें तो शनि ग्रह, पृथ्वी से पंचानबे परसेंट अधिक द्रव्यमान है। शनि ग्रह का क्षेत्रफल पृथ्वी से पचासी गुना अधिक बड़ा है। शनि ग्रह अपने ही जगह पृथ्वी से उन्नीस पॉइंट तेरह गुना अधिक तेजी से घूमता है। कहा जाता है कि शनि ग्रह पर बीस किलोमीटर प्रति घंटे की तेजी से हवा चलती है। शनि ग्रह भी गैस का गोला है। शनि ग्रह पर कोई ठोस जमीन नहीं है। शनि ग्रह पर स्पेस मिशन की बात करो तो सबसे पहले नासा का पायनियर ग्यारह नामक स्पेसक्राफ्ट शनि ग्रह के सबसे नजदीक पहुंचा था। यह स्पेसक्राफ्ट छः अप्रैल उन्नीस सौ तिहत्तर को लांच हुआ था जो शनि ग्रह के सबसे नजदीक एक सितंबर उन्नीस सौ छिहत्तर को पंहुचा था और यह स्पेसक्राफ्ट शनि ग्रह की कुछ तस्वीर हम तक पहुंचाई थी। हालांकि यह तस्वीर इतनी क्लियर तो नहीं है।

नासा का वाइजर वन

फिर नासा का वाइजर वन नामक स्पेसक्राफ्ट पाच मार्च उन्नीस सौ उन्यास्सी को शनि ग्रह के सबसे नजदीक पहुंचा था। यह स्पेसक्राफ्ट शनि ग्रह की रियल तस्वीर हम तक पहुंचाई। फिर कुछ दिन बाद वाइजर टू नामक स्पेसक्राफ्ट छब्बीस अगस्त उन्नीस सौ इक्यासी को शनि ग्रह के सबसे नजदीक पहुंचा जिसने तस्वीर हम तक पहुंचाएं और यह तस्वीर जो कि शनि ग्रह के रंग की रियल तस्वीर है। फिर और एक नासा का मिशन था जो कि कैसली और बैटर था जो पंद्रह अक्टूबर उन्नीस सौ सत्तानबे को लांच किया था। और बैटर ने शनि ग्रह की परिक्रमा एक जुलाई दो हजार चार से शुरू की। इस बैटर ने शनि ग्रह की क्लियर और कलर फोटो हम तक पहुंचाई और इसी बैटर ने बेहद रोचक तस्वीर शनि ग्रह के नॉर्थ पोल की तस्वीर हम तक पहुंचाई।

मैं आशा करता हूं कि अभी आप को शनि ग्रह के विषय में थोड़ी बहुत जानकारी तो जरूर मिली होगी। अगर आपको मेरा प्रयास और वीडियो अच्छी लगी तो लाइक कर देना। और कमेन्टकरें। मैंने और भी ग्रहों पर जो इनफार्मेशन पोस्ट की हैं अगर आप चाहो तो देख सकते हो। बहुत-बहुत शुक्रिया दोस्तों!

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ