चाँद का जन्म
नमस्कार दोस्तों, क्या आपको पता हैं चाँद का जन्म कैसे हुआ, आइए इसे विस्तार से जानते हैं, दोस्तों, लगभग चार दसमलव पाँच अरब वर्ष पहले, एक ग्रह जिसे "थिया" कहा जाता है जिसका आकार मंगल के बराबर था, आके पृथ्वी से टकरा गया। इस टक्कर के कारण पृथ्वी के और थिया के कुछ हिस्से अंतरिक्ष में फैल गए। इन हिस्सों ने मिलकर चाँद का निर्माण किया। पहले चाँद, पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण के एरिया से बाहर हुआ करता था जिसे एक छोटा ग्रह कहा गया,
यह पृथ्वी के साथ ही सूर्य की परिक्रमा करता था और बाद में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में आ गया। चाँद के निर्माण के बाद, उसकी सतह पर बड़े पैमाने पर ज्वालामुखी निकलने लगा इसका परिणाम यह हुआ कि सतह पर लावा बहने लगा और विशाल समतल क्षेत्र बन गया। शुरुआत में, चाँद पर बहुत सारे उल्का पिंड टकराए, जिससे बड़े-बड़े क्रेटर बन गए। ये क्रेटर आज भी चाँद की सतह पर देख सकते हैं जिसके कारण इसकी सतह ऊबड़-खाबड़ नजर आती हैं।
बर्फ के रूप में पानी की खोज
हाल ही में, खासकर भारत के चंद्रयान वन मिशन ने चाँद के ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ के रूप में पानी की खोज की। इससे यह संभावना बनी हुई हैं कि चाँद के ध्रुवों पर जल का भंडार हो सकता है। अगर बात करे पृथ्वी की तो, महासागरों में ज्वार-भाटा का कारण चाँद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति ही है। यह शक्ति समुद्र के पानी को अपनी ओर खींचती है, जिसके कारण पृथ्वी पर ज्वार भाटे आते रहते हैं। सदियों से चाँद ने पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित किया है। यह रात के आकाश में सबसे चमकने वाली वस्तु है और इसने मानव संस्कृति, धर्म, साहित्य, और कला के छेत्र मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सोलह सौ नव में, गैलीलियो गैलिली ने पहली बार अपने टेलिस्कोप से चाँद का अध्ययन किया। उन्होंने चाँद की सतह पर क्रेटर और पर्वतों को देखा और यह पाया कि चाँद एक समतल सतह नहीं है। दोस्तों, बीसवीं सदी में, अमेरिका के नासा का मून मिशन सबसे महत्वपूर्ण साबित हुआ। उन्नीस सौ उनहत्तर में, अपोलो एलेवन मिशन के जरिए नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन चाँद पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने। उनके इस कदम को मानवता के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जाता हैं
भारत ने चाँद की ओर अपनी यात्रा "चंद्रयान" मिशनों के माध्यम से शुरू की। चंद्रयान वन ने चाँद की सतह पर पानी के वजूद को खोजा, और चंद्रयान टू ने चाँद के दक्षिणी ध्रुव की ओर एक सफल कक्षा मिशन पूरा किया। वही 2023 में, चंद्रयान थ्री ने सफलतापूर्वक चाँद के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग की, जिससे भारत चाँद के इस हिस्से पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना। भविष्य में चाँद पर स्थायी इंसानी बस्तियाँ बसाने की योजना बन रही हैं। नासा का "आर्टेमिस मिशन" और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियाँ चाँद पर जाने की तैयारी कर रही हैं। दोस्तों ये आर्टिकल कैसा लगा कमेन्ट मे बताए और आप नए हैं तो हमारे पेज को फॉलो जरूर कर लें धन्यवाद
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