मंगल ग्रह और पृथ्वी
नमस्कार दोस्तों, आज हम मंगल ग्रह और पृथ्वी के बीच मे कंपैरिजन करने वाले हैं। इस आर्टिकल में हम दोनों प्लैनेट्स के एरिया से लेकर वेदर, ग्रेविटी, गैस जैसे दस से भी ज्यादा फैक्टर्स के आधार पर इन दोनों का प्लैनेट्स के बीच कंपैरिजन करेंगे, मार्स यानी कि मंगल ग्रह की बात करें तो यह एक ऐसा ग्रह है जो हमारे सोलर सिस्टम में पृथ्वी से सबसे ज्यादा मिलता जुलता है। मंगल ग्रह पर आयरन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा होने के कारण यह प्लानेट लाल रंग का दिखाई देता है और इसलिए इस ग्रह को रेड प्लैनेट के नाम से भी जाना जाता है।
माना जाता है कि करोड़ों साल पहले मंगल ग्रह पर भी पृथ्वी की तरह ही जीवन रहा होगा। पर धीरे-धीरे क्लाइमेट चेंज होने के कारण मंगल ग्रह पर जीवन पूरी तरह से खत्म होने लगा वही हमारी पृथ्वी एक ऐसा प्लैनेट है जहां पर आज जीवन संभव है। अंतरिक्ष से जब पृथ्वी को पहली बार देखा गया तो यह पाया गया कि हमारा ग्रह नीला है और उसके बाद एक रिसर्च के बाद पता चला कि हमारे धरती का अठहत्तर प्रतिशत हिस्सा पानी से घिरा हुआ है और यही एक वजह है कि पृथ्वी को ब्लू प्लेनेट के नाम से भी जाना जाता है।
इन दो प्लैनेट्स के फैक्ट्स के बारे में
दोस्तों अब हम जानते हैं इन दो प्लैनेट्स के फैक्ट्स के बारे में, उससे पहले दोस्तों अगर आप नए हैं तो पेज को फॉलो जरूर करें, फैक्ट नंबर एक, अगर हम बात करें दोनों प्लैनेट्स के आकार कि, तो मंगल ग्रह, पृथ्वी के आकार से लगभग आधा है. पृथ्वी का व्यास लगभग तेरह हजार किलोमीटर है, जबकि मंगल ग्रह का व्यास लगभग सात हजार किलोमीटर है, फैक्ट नंबर दो, मंगल ग्रह का द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान का केवल नवां भाग है, फैक्ट नंबर तीन, मंगल ग्रह का वायुमंडल, पृथ्वी के वायुमंडल से लगभग सौ गुना पतला है.
मंगल ग्रह के वायुमंडल में
मंगल ग्रह के वायुमंडल में छानबे पर्सेंट कार्बन डाइऑक्साइड और केवल ज़ीरो पॉइंट वन फोर पर्सेंट ऑक्सीजन है, फैक्ट नंबर चार, मंगल पर, पृथ्वी की कॉम्परिजन में लगभग साठ पर्सेंट कम गुरुत्वाकर्षण महसूस होता है, फैक्ट नंबर पाँच, पृथ्वी पर औसतन तापमान सत्तावन डिग्री है, जबकि मंगल का तापमान माइनस साठ डिग्री है, फैक्ट नंबर छह, जहां पृथ्वी को सूरज का चक्कर लगाने में तीन सौ पैसठ दिन लगते हैं, वही मंगल ग्रह को यह चक्र पूरा करने में छह सौ सत्तासी दिन लगते हैं.
मंगल पर एक दिन धरती की तुलना में
मंगल पर एक दिन धरती की तुलना में चौबीस घंटे पैतीस मिनट का होता है,फैक्ट नंबर सात, पृथ्वी के पास एक उपग्रह हैं जिसे हम चंद्रमा कहते हैं , जबकि मंगल के पास दो उपग्रह फ़ोबोस और डीबोस हैं, फैक्ट नंबर आठ, मंगल ग्रह की सतह का रंग लाल है, यह फ़ेरिक आक्साइड के कारण लाल दिखाई देता है, फैक्ट नंबर नव, मंगल ग्रह में बारह किलोमीटर से लेकर बीस किलोमीटर की गहराई में पत्थरों की दरारों के बीच पानी ही पानी मौजूद है. जो लावा के ठंडा होने के कारण वहां जमा हुआ है. अगर यह सारा पानी जमा कर लिया जाए तो मंगल की सतह पर दो किलोमीटर गहरा सागर बनाया जा सकता है, फैक्ट नंबर दस, मंगल ग्रह की पृथ्वी से दूरी अधिकतम दो सौ मिलियन किलोमीटर हैं और निउनतम चालीस मिलियन किलोमीटर हैं ,
सूर्य से दूरी
दोस्तों, अगर सूर्य से दूरी की बात करें तो मंगल ग्रह सूर्य से दो सौ दस पॉइंट पाँच मिलियन किलोमीटर दूर है और यह सोलर सिस्टम में चौथे नंबर पर है। वही पृथ्वी सूर्य से एक सौ पचास मिलियन किलोमीटर दूर है और पृथ्वी सोलर सिस्टम का तीसरा प्लानेट है। बता दे मंगल ग्रह कि तो, सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने के लिए सत्तावन दिन लगते हैं। वही बात करें दोस्तों, इन दोनों ग्रहों के गैस कंपैरिजन की, तो मंगल ग्रह पर पंचानबे पर्सेंट कार्बन डाइऑक्साइड , एक पर्सेंट नाइट्रोजन ज़ीरो पॉइंट वन फोर पर्सेंट आक्सीजन, ज़ीरो पॉइंट पाच पर्सेंट कार्बन मोनोऑक्साइड और ज़ीरो पॉइंट वन पर्सेंट वाटर वेपर जैसे कई गैस पाए जाते हैं। वही पृथ्वी पर अठहत्तर पर्सेंट नाइट्रोजन, एक्कीस पर्सेंट ऑक्सीजन, वन पर्सेंट कार्बन डाइऑक्साइड और ज़ीरो पॉइंट फोर पर्सेंट हेलियम और हाइड्रोजन गैस मौजूद है।
मंगल ग्रह पर नदियां और झील
दोस्तों मंगल ग्रह भले ही आज ठंडा सूखा तथा वीरान हो लेकिन वैज्ञानिकों को काफी रिसर्च के बाद यहां पर नदियां और झील मिले हैं इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि हम आने वाले कुछ सालों में मंगल ग्रह पर इंसान बसा लेंगे। दोस्तों अगर आपका वजन पृथ्वी पर अस्सी किलो है तो मंगल पर आपका वजन तीस किलो ही महसूस होगा। माउंटेन एवरेस्ट की सबसे ऊंचे पर्वत की बात करें तो मंगल ग्रह का सबसे ऊंचा पर्वत है। ओलंपस एवरेस्ट जिसकी ऊंचाई बाईस हजार मीटर के आसपास नापी गई है, दोस्तों ये आर्टिकल कैसा लगा कमेन्ट मे बताए और आप नए हैं तो पेज को फॉलो कर लें धन्यवाद
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