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मंगल ग्रह पर जीवन कैसा है

मंगल ग्रह पर जीवन

हमारे सूर्य मंडल में सूरज के चक्कर लगाने वाला चौथा ग्रह मंगल है। पृथ्वी की तरह मंगल भी एक टेरिस्ट एलियन प्लेनेट है। मतलब यहां पर पांव रखने के लिए जमीन है। यहां पर भी पृथ्वी की तरह नदिया पहाड़ और रेत मिलती है, लेकिन इसकी नदिया सुखी है। हालांकि मार्ग पर कुछ जगहों पर बर्फ के रूप में हमने पानी की खोज कर ली है। पृथ्वी से मंगल की दूरी फिक्स नहीं है। 

मंगल ग्रह पृथ्वी से दूर

यह पच्चीस करोड़ से लेकर पाच करोड़ तक वैरीअंट होती रहती है और मंगल ग्रह पृथ्वी से पाच करोड़ किलोमीटर जितना नजदीक कभी-कभी ही आता है जब हमें यहां से कोई रोवर भेजना होता है तो हम ज्यादातर इन्हीं कम फैसले के वक्त में भेज देते हैं। दोस्तों पृथ्वी से मंगल की दूरी इतनी कम ज्यादा इसलिए होती रहती है क्योंकि सूरज के नजदीक होने के कारण जहां पृथ्वी को सूरज के एक चक्कर लगाने में कम समय लगता है वही मंगल को इससे ज्यादा समय लगता है और इसलिए यह दोनों कभी एक दूसरे से बहुत दूर तो कभी एक दूसरे से बहुत पास आ जाते हैं


तो अब जानते हैं कि अगर आप मंगल पर खड़े रहे तो आपको क्या महसूस होगा। एलोन मस्क और उनकी कंपनी भविष्य में इंसान को मंगल पर बसाने की सोच रही है। पर सच बात तो यह है कि मंगल ग्रह के वातावरण में ऑक्सीजन नहीं है या फिर न्यूनतम है। अगर आप बिना किसी स्पेसशूट मंगल ग्रह पर खड़े रहते हैं तो आप सिर्फ दो मिनट तक ही जिंदा रह पाएंगे और सपोज कीजिए कि अगर किसी व्यक्ति का वजन पृथ्वी पर सौ किलो है तो उस व्यक्ति को मंगल पर अपना वजन सिर्फ चालीस किलो ही फील होगा। यानी उसका वजन वहां पर प्रति किलो हो जाएगा क्योंकि वहां पर ग्रेविटी पृथ्वी से कम है। 

मंगल पर सुखी और लाल रेत

अगर आपने स्पेस सूट पहना है तो आप वहां पर सरवाइव कर सकते हैं। इन हालात में आपको वहां पर दूर-दूर तक सुखी और लाल रेत दिखेगी। कुछ कुछ जगहों पर बहुत ही गहरी खाई या और कहीं पर बड़े पहाड़ भी देख सकते हैं। डिपेंड करता है कि आप मार्स की किस साइट पर खड़े हैं अगर आप ओलंपस के पास खड़े हैं तो आप वहां पर बहुत ही छोटा फील करने वाले हैं दोस्तों क्योंकि यह न सिर्फ मंगल का बल्कि पूरे सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा माउंटेन है जो  लगभग पच्चीस किलोमीटर होता है। यानी कि माउंट एवरेस्ट से लगभग तीन से चार गुना बड़ा।


मार्स का वायुमंडल 

मंगल पर कुछ कुछ जगहों पर तो बहुत ही विशाल और बहुत ही डिस्ट्रॉय बवंडर उठते हैं जो आप को उठाकर ले जा सकते हैं। अगर आप मंगल पर हो तो आपको ठंडी लगने तय है क्योंकि मंगल का आम टेंपरेचर माइनस साठ डिग्री सेल्सियस रहता है। वहां पर मर्टियाँ समर गए हैं तो आप लकी होंगे क्योंकि तब वहां पर गर्मी पच्चीस डिग्री टेंपरेचर होगा। अगर आप वहां पर आकाश की ओर देखोगे तो आपको वहां पर पृथ्वी की तरह ही क्लाउड दिखेंगे। यह बादल आसमान में मंडराते होंगे और डे टाइम में आपको सूरज तो दिखेगा लेकिन पृथ्वी के मुकाबले थोड़ा सा बलर ही दिखेगा क्योंकि मार्स का वायुमंडल थोड़ा डेंस है और रात को यहां पर आपको मंगल के दो मून दिमोस और हॉबस दिखेगी और वह भी एक साथ पर दोस्तों मंगल हमेशा से ऐसा नहीं था। 

हमारी खोजबीन के एविडेंस यह बताते हैं कि करोड़ों साल पहले मंगल पर लिक्विड फॉर्म में पानी भी था। वहां पर समुद्र भरे थे। बहती हुई नदियां थी और वातावरण में इतना कार्बन भी नहीं था। शायद वहां का तापमान सिमिलरली पृथ्वी की तरह था और हो सकता है हम पृथ्वी वासी भी मंगल से आए हो और भविष्य में मंगल पर जायेंगे । किसे पता दोस्तों क्या होगा। आने वाले विडियो में हम और भी बहुत कुछ जानेगें इसके बारे में आप क्या सोचते हैं। हमें कमेंट जरूर करें|

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